बहनापा - बात ख़र्चों की
समय: दोपहर चार बजे
पात्र-परिचय
कुनाल की मम्मी, पाँच नंबर की दूसरी गली में दो घर छोड़ कर रहती है (सिलाई के कपड़ों पर
तुरपाई करके आई)
कृतिका की दादी (घर का काम करने के बाद आराम करके आई)
अंजू दीदी की मम्मी (वायु को सुलाकर आई)
परी की दादी (अपने पति के केले की रेहड़ी पर माल देकर आई)
और चाऊमीन वाले भईया की मम्मी (पाँच नंबर पर बेचने के लिए चाऊमीन उबाल कर आई)
ये पाँचों महिलाएँ रोज़ दोपहर अपने-अपने काम निपटा ज़रूर मिलती हैं. इनके बीच एक
बहनापा-सा बन गया है।
(पाँच नंबर की दूसरी गली में दो घर छोड़कर मेरे घर के सामने गली में बैठक का दृश्य जहाँ दो
घर छोड़कर मेरे घर के सामने कुनाल की मम्मी जो अपने घर के बाहर वाले जीने पर बैठी थीं।
उनके सामने वाले घर के जीने पर चाऊमीन वाले भईया की मम्मी बैठी थी। उनके दाएँ हाथ की
तरफ़ एक घर छोड़कर कृतिका की दादी जीने पर बैठी थी। वह जिस जीने पर बैठी थीं वह
जीना सीमेंट का बना हुआ था और परी की दादी अंशिका के घर के बाहर चबूतरे पर बैठी थीं।
वह जिस चबूतरे पर बैठी थीं, उस चबूतरे पर पलस्तर हो रखा था।)
अंजू दीदी की मम्मी, रानी गुलाबी रंग के थैले में सब्ज़ी लेकर आ रही थीं।
कुनाल की मम्मी अपनी चुन्नी को ठीक करते हुए बोली, “ले आई सब्ज़ी?”
अंजू दीदी की मम्मी, रानी अपनी आँखों को बड़ा करते हुए बोली, “हाँ, ले आई! पर
क्या बताऊँ आजकल तो इतनी महँगाई हो गई है न ऐसा लगता है कि अब दाल से
ही काम चलाना पड़ेगा।”
कृतिका की दादी पूजा, (मुँह टेढ़ा करते हुए), “अरे तुम दाल की बात कर रही हो,
मेरे बच्चे तो दाल को देखकर मुँह बनाते हैं और कहते हैं कि हमें बाहर से चाऊमीन
या मोमोस मँगा दो। पता नहीं, आजकल के बच्चों को उस मैदे में क्या स्वाद आता है!
और बाहर की चीज़ खाने से बच्चे बीमार भी पड़ जाते हैं।”
परी की दादी मीना, (थोड़ा उदास होते हुए) बोली, “अरे हाँ, महँगाई तो हो ही गई
है। प्याज़ भी अब पचास की दो किलो हो गई है। आजकल तो जैसे लूट मचा रखी है।
अब तो सब्ज़ीवाले भी ऐसा कहते हैं कि अरे बहन अब तो महँगाई इतनी हो गई है
न हमें भी थोड़ी-थोड़ी सब्ज़ी लानी पड़ रही है। पहले हम भी रेहड़ियाँ भरकर सब्ज़ी
लाते थे। अब दो-दो, तीन-तीन किलो ही सब्ज़ी लानी पड़ रही है।”
कुनाल की मम्मी राधा (माथा सिकोड़ते हुए) बोली, “हाँ, महँगाई तो हो गई है;
लेकिन आजकल की सब्ज़ियों में वो पहले जैसा स्वाद कहाँ आता है? पहले तो
ताज़ी-ताज़ी सब्ज़ियाँ खाकर मज़ा ही आ जाता था, अब तो इंजेक्शन लगाकर
सब्ज़ियों को बड़ा किया जाता है जिससे सब्ज़ियों में कुछ स्वाद ही नहीं आता है।”
कृतिका की दादी पूजा (अपनी भौहें चढ़ाते हुए) बोली, ‘अरे! क्या बताऊँ अदरक तो
साठ रुपए पाव हो गया है। अब थोड़ी बहुत ख़ुशबू के लिए एक-दो इलायची ही
डाल लेती हूँ। अभी एक-दो दिन पहले जब मैं अदरक खरीदने गई थी तो मैंने बोला
भाई दस रुपए का अदरक दे दो! तो उसने कहा कि अरे मैडम दस रुपए का अदरक
नहीं आएगा, कम से कम तीस-चालीस का तो ले लो।”
चाऊमीन वाले भईया की मम्मी मधु, (चेहरे पर तेज़ लाते हुए अपने पैर पर पैर
रखकर) बोलीं, “अब तो सब्ज़ी किलो में नहीं जैसे पाव में मिलेगी। कोई कहता है कि
ये साठ रुपए पाव है तो कोई कहता है कि अस्सी रुपए पाव है। और क्या बताऊँ
आजकल के बच्चों को अगर मोमोस में पत्तागोभी दिए जाएँ तो खा लेंगे, लेकिन अगर
घर में पत्तागोभी की सब्ज़ी बनाओ तो उसे देखकर छत्तीस तरह का मुँह बनाते हैं।”
अंजू दीदी की मम्मी रानी (अपनी आँखों को मसलते हुए) बोलीं, “अरे अब तो
जन्माष्टमी की वजह से भी महँगाई और बढ़ रही है और जी-20 की वजह से
लॉकडाउन भी लग रहा है। बच्चों के स्कूल की भी छुट्टी पड़ गई है। अबकी बार तो
लग रहा है कि जन्माष्टमी मनानी मुश्किल है, क्योंकि कल मंदिर पर पुलिस भी तो
आई थी।”
कुनाल की मम्मी राधा, (थोड़ी कंफ्यूज़ होकर) बोली, “अरे यह जी-20 का मतलब
क्या है? मैंने तो ये जी-20 का नाम पहली बार सुना है।”
परी की दादी मीना, (मुँह बनाते हुए) बोलीं, “जी-20 का मतलब है कि हमारे देश
में 20 देशों से कुछ लोग आएँगे इसकी वजह से तो यह लॉकडाउन लग रहा है और
इस लॉकडाउन की वजह से पूरी दिल्ली बंद रहेगी।”
चाऊमीन वाले भईया की मम्मी, मधु ने आज कुछ अलग ही डिजाइन के बाल
बनाए थे।
कृतिका की दादी, (पूजा थोड़ी-सी मुस्कान के साथ, यह देखकर) बोलीं, “अरे! क्या
बात है! आज कहीं जा रही हो क्या? क्योंकि यह जो नई डिजाइन के बाल बना रखे
हैं, उसे देखकर तो ऐसा ही लग रहा है कि तुम कहीं जा रही हो।”
चाऊमीन वाले भईया की मम्मी, (मधु हँसते हुए बोली), “अरे, मैं तो कहीं नहीं जा
रही और तुम ये बालों की बात कर रही हो तो बताऊँ यह बाल प्रीति ने फ़ोन से
देखकर बनाए हैं। कभी बाल बनाती है तो कभी मेहँदी लगा देती है। फ़ोन से देखकर
कुछ न कुछ बनाती ही रहती है। कैसी लग रही है ये चुटिया?”
अंजू दीदी की मम्मी रानी बोली, “सच बताऊँ तो ये नई डिजाइन की चोटी आप पर
बहुत ही अच्छी लग रही है।”
मिनाली